संजीव बालियान बोले- भगत सिंह का अपमान विचारधारा का दिवालियापन:मुजफ्फरनगर में बोले- हमास से तुलना करना देश का अपमान, इमरान मसूद सोंचकर बोलें


कांग्रेस सांसद इमरान मसूद एक विवादित बयान को लेकर बुरी तरह घिर गए हैं। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी सरदार भगत सिंह की तुलना आतंकी संगठन हमास से कर दी। इस बयान पर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा सांसद डॉ. संजीव बालियान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
शनिवार को मुजफ्फरनगर में आयोजित सैनिक सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा- ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी की तुलना किसी आतंकी संगठन से करना बेहद गलत और निंदनीय है। ये देश के इतिहास का अपमान है। यह सोंच दोगली मानसिकता को दर्शाता है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
इससे पहले कार्यक्रम में संजीव बालियान ने पूर्व सैनिक करण सिंह को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनकी बहू द्वारा लिखी गई एक पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, भाजपा नेता डॉ. संजय बालियान और कई पूर्व सैनिक मौजूद थे।.

“भगत सिंह करोड़ों युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं” डॉ. संजीव बालियान ने कहा- सरदार भगत सिंह देश के करोड़ों युवाओं के प्रेरणा स्रोत और आदर्श हैं। उन्होंने अपनी शहादत से देश को एक नई दिशा दी। ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी की तुलना किसी आतंकी संगठन से करना बेहद गलत और निंदनीय है।
ऐसे बहुत कम सेनानी हुए हैं जिन्होंने देश को दिशा दी। भगत सिंह का नाम देशभक्ति, बलिदान और साहस का प्रतीक है। जो लोग उनकी तुलना आतंकवादियों से करते हैं, वे न केवल उनके आदर्शों का अपमान करते हैं बल्कि देश के इतिहास का भी अपमान कर रहे हैं। इमरान मसूद को अपने शब्दों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

ऐसे बयान विचारधारा का दिवालियापन बालियान ने इमरान मसूद पर निशाना साधते हुए कहा- यह विचारधारा की दिवालियापन की निशानी है। जो व्यक्ति सरदार भगत सिंह जैसे वीर को हमास जैसे संगठन के समान बताता है, वह इतिहास नहीं जानता। भगत सिंह ने देश की आज़ादी के लिए फांसी का फंदा चूमा, और आज कोई उनकी तुलना आतंकी संगठन से करे तो यह पूरे देश के लिए अपमानजनक है।
“कानून सबके लिए बराबर, किसी मामले को जातीय रंग न दें” संजीव बालियान ने हाल ही में मुजफ्फरनगर में हुए विवादित मामले पर कहा- अगर किसी ने गलत काम किया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। एक व्यक्ति की गलती को पूरी जाति से जोड़ना गलत है। प्रशासन ने गिरफ्तारी की है और जो भी दोषी है, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस पूरे मामले को राजनीतिक या जातीय रंग देना अनुचित है।
उन्होंने आगे कहा- कानून सबके लिए बराबर है। अगर किसी ने अपराध किया है, तो उसे सजा मिलेगी, चाहे वह कोई भी हो। लेकिन दो लोगों के झगड़े को समाज के नाम पर तोड़ना देशहित में नहीं है।

पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती बालियान ने कहा कि उन्हें पढ़ने का शौक बचपन से है। पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। सफर में आधा घंटा या 40 मिनट का वक्त मिलता है तो किताब जरूर पढ़ता हूं। मैंने 2007 में मेरठ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई शुरू की थी, पूरी नहीं हो सकी। अब कोशिश करूंगा कि उसे पूरा कर सकूं।



