नोएडा। नेशनल कंपनी ला टिब्यूनल (एनसीएलटी) से नोएडा के वेव मेगा सिटी सेंटर परियोजना को तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने ग्रुप कंपनी को दिवालिया प्रक्रिया में शामिल करने से इनकार कर दिया है। साथ ही कंपनी की ओर से खरीदारों का फंड इधर उधर करने में धोखाधड़ी की संज्ञा दी है, जिसकी जांच केंद्रीय एजेंसी कराने का आदेश दिया है।
इससे खरीदारों में खुशी की लहर है और आशियाना मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि कंपनी प्रवक्ता ने कहा कि न्यायाधिकरण ने अभी-अभी आदेश सुनाया है। हम आदेश का मूल्यांकन करेंगे। आगे की कार्रवाई के लिए उपयुक्त अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
घर-खरीदारों के हितों की रक्षा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। वेव मेगा सिटी सेंटर होम बासर्स एसोसिएशन संस्थापक सदस्य प्रमोद वर्मा, सुशील गर्ग, बिगेडियर बलवंत चौहान ने बताया कि सेक्टर-32-25 स्थित वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड की परियोजना में 10 मार्च 2021 को नोएडा प्राधिकरण द्वारा 1.08 लाख वर्ग मीटर अधिग्रहण जमीन के आवंटन को निरस्त करके वापस ले लिया। साथ ही दो टावरों को सील कर दिया गया। हालांकि अभी भी करीब 56 हजार वर्गमीटर जमीन कंपनी के पास है। जिस जमीन का आवंटन रद किया गया।
अब उसे रिस्टोर कराने के लिए ग्रुप को करीब 2700 करोड़ रुपये की रकम प्राधिकरण को देनी होगी। इस मामले में करीब 15 हजार बायर्स है, जिनको फायदा होगा और समय से उनको दुकान और आवास का आवंटन होगा। उन्होंने बताया कि सेक्टर-32-25 का वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड को दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए नेशनल कंपनी ला टिब्यूनल से बड़ा झटका लगा है। सुनवाई के दौरान एनसीएलटी ने कहा कि वेव ग्रुप खरीदार के साथ धोखाधड़ी की मंशा से दिवालिया प्रक्रिया में शामिल हुआ।
एनसीएलटी ने नाराजगी जाहिर की और दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने पर रोक लगा दी है। साथ ग्रुप पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। फंड के हेरफेर पर केंद्रीय एजेंसी से जांच करने के आदेश दिया है। वेव ग्रुप ने सेक्टर 32 और 25 में आवासीय-सह-वाणिज्यिक परियोजना में 3,800 करोड़ रुपये का निवेश किया है। जिसमें इसके प्रमोटर्स और उनके सहयोगियों द्वारा 2,213 करोड़ रुपये का निवेश शामिल हैं। इसके अलावा बैंक लोन के रूप में 200 करोड़ की राशि ली गई है।
खरीदारों से करीब 1400 करोड़ रुपये की राशि ली गई है। इसमें से 2000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान विभिन्न सरकारी एजेंसियों को किया गया है। एनसीएलटी ने यह माना की खरीदार ने बिल्डर को पैसा दिया लेकिन इन पैसों का हेरफेर किया गया। जोकि एक सीरियस फ्राड है। जिससे खरीदार को नुकसान हो रहा है। ऐसे में इसकी जांच होगी।
उन्होंने बताया कि नोएडा के सेक्टर-25 और 32 के बीच स्थित वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ने 2011 में 90 करोड़ की लीज होल्ड के आधार पर 6.18 लाख वर्ग मीटर भूमि का आवंटन लगभग 1.07 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से 6,622 करोड़ रुपये में कराया था। मूल योजना के हिसाब से पुनभरुगतान की अवधि पहले दो साल मोरेटोरियम के बाद 16 अर्धवार्षिक किस्तों में थी। दिसंबर 2016 में खरीदारों को समय पर यूनिट की डिलीवरी देने तथा किस्तों पर बकाया राशि की वसूली के लिए नोएडा प्राधिकरण प्रोजेक्ट सेटलमेंट पालिसी लेकर आया।