राष्ट्रीय

कोरोना वैक्सीन की सोशल मीडिया पर अफवाह पर IMA खामोश क्यों?

कोरोना वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। सोशल मीडिया में कुछ तत्व अफवाह फैला रहे हैं कि कोरोना वैक्सीन लेने से महिलाओं एवं पुरुषों में संतानहीनता (Infertility) की समस्या आ सकती है। जबकि सच्चाई ये है कि यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है व इससे संतानहीनता होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ये पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है। ऐसी सूचनाओं और अफवाहों को आगे न बढ़ाएँ।

 

 

ये अफवाह फैलाने में नेतागण भी पीछे नहीं थे। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के विधान पार्षद आशुतोष सिन्हा ने कहा था कि कोरोना का टीका लगाने से नुकसान हो सकता है और बाद में सरकार ये कह सकती है वो जनसंख्या कम करने के लिए इसे लगवा रही थी। उन्होंने कहा था कि वैक्सीन से लोग नपुंसक बन सकते हैं।

 

इसी तरह महाराष्ट्र के धनोरा तहसील में लोगों ने नपुंसक होने का डर जताते हुए वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया था। PIB ने भी अपने फैक्ट-चेक में इस तरह के अफवाहों को फर्जी करार दिया है।

 

इसी तरह एक और पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद अगले 2 सालों में ही लोगों की मौत हो जाएगी। फ़्रांसिसी नोबेल पुरस्कार के विजेता लुक मोन्टैग्नीर के हवाले से उनकी तस्वीर के साथ ये बयान चलाया जा रहा है कि किसी ने कोरोना की कोई भी वैक्सीन ली हो, उसके बचने की कोई संभावना नहीं है। इसमें ये भी लिखा है कि हमें बड़े पैमाने पर लोगों के अंतिम संस्कार के लिए तैयार रहना चाहिए।

ये खबर भी बिलकुल फर्जी है और उन्होंने इस तरह का कोई बयान ही नहीं दिया है। इसी तरह जापान के नोबेल विजेता तासुकु होंजो के हवाले से भी उसकी तस्वीर लगा कर इसी तरह के बयान चलाए जा रहे हैं। इसमें लिखा है कि होंजो ने वुहान के लैब में काम किया है, जबकि ये भी झूठ है। वैज्ञानिकों ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

साभार आरबीएल निगम