गैरसैंण। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार सदन में आपदा सहित हर विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार थी, लेकिन विपक्ष ने निजी एजेंडे के तहत सदन को नहीं चलने दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा कर विपक्ष ने जनता की आवाज को दबाने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि बेतालघाट या अन्य जगह जहां भी कानून व्यवस्था का सवाल उठा, सरकार ने तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की है। घटना की सीबीसीआइडी जांच के साथ ही मजिस्ट्रियल जांच भी कराई जा रही है। लेकिन विपक्ष ने सदन में रात बिताकर सस्ती लोकप्रियता का ड्रामा रचने का काम किया जो उनकी हताशा का प्रमाण है।बुधवार को गैरसैंण स्थित विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस वर्ष मार्च में भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में डिजिटाइजेशन कार्य होने के कारण, बजट सत्र आयोजित नहीं हो पाया था। इसलिए इस बार सरकार ने बारिश के बावजूद गैरसैंण में सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया, सभी लोग रास्ते बंद होने की मुश्किल के बावजूद यहां पहुंचे। लेकिन विपक्ष पहले ही दिन से सदन चलाने के मूड में नहीं था।

सदन के काम काज में विपक्षी सदस्यों के निजी हित और विषय आड़े आ गए। सरकार का प्रयास था कि विपक्षी सदस्य सदन में आएं, सरकार हर बात का जवाब देने का तैयार थी। लेकिन विपक्ष ने प्रश्न काल तक नहीं चलने दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय धराली सहित प्रदेश में कई जगह आपदा आई हुई है, जिस कारण प्रभावितों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार आपदा सहित सभी विषयों पर चर्चा के लिए तैयार थी। लेकिन विपक्ष को लगा कि आपदा पर उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए उन्होंने हंगामे का बहाना बना दिया। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसा कि विपक्ष के सदस्यों को सदन में रजाई गद्दा लगाकर सोने के बजाय, आपदा प्रभावित जनता के बीच जाकर सोना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मंगलवार की रात को ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह से अनुरोध कर गतिरोध खत्म करने का अनुरोध किया। उन्हें खासकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे तिलकराज बेहड़, ममता राकेश के स्वास्थ्य की चिंता थी।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार सदन में अवैध मदरसों पर रोक के लिए विधेयक लेकर आई। इसका लाभ सभी अल्पसंख्यक समुदायों को देने का निर्णय लिया। इसी तरह लोकतंत्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के कल्याण के लिए भी सरकार विधेयक लेकर आई।

सरकार देवभूमि की डेमोग्राफी संरक्षित करने के लिए, धर्मांतरण विरोधी कानून को सख्त करने का विधेयक लेकर आई। लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण किसी भी मुद़्दे पर चर्चा नहीं हो पाई। हालांकि सरकार सभी मामलों में कानून बनाने में कामयाब रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अनुपूरक बजट के जरिए राज्य के विकास को नई ऊंचाई पर ले लाने का प्रयास कर रही है।

सेमीफाइनल में मिली जीत मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष पंचायत चुनावों को सेमीफाइनल करार दे रहा था, लेकिन जनता ने जिला पंचायत अध्यक्ष की 12 में से 11 सीट पर भाजपा पर भरोसा किया है। इससे पहले केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव, लोकसभा, निकाय चुनाव के अलावा 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता ने विपक्ष को नकारने का काम किया है।