क्राइमदुखद

सब्जी का ठेला लगाने वाले को चोर समझकर भीड़ ने बेरहमी से पीटा, अस्पताल में मौत, 7 आरोपी गिरफ्तार

जयपुर। भीड़ की कोई जाति धर्म नहीं होता और इनकी बड़ी से बड़ी गलती पर भी इन्हें सख्त सजा नहीं दी जा सकती क्योंकि यह भीड़ हैं। पिछले कुछ सालों में मॉबलिंचिंग की खूब घटनाएं सामने आयी हैं जहां भीड़ ने लोगों की बेरहमी से जान ले ली। पालघर में दो साधुओं को भीड़ ने ही बेरहमी से मार दिया था। वो वीडियों जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो, वो किसी का भी मन व्याकुल कर सकती थी। भीड़ पर आखिर लगाम कैसे लगाई जाएगी? भीड़ के जरिए लोग कई व्यक्तिगत बदले भी लेते हैं। ऐसी वारदातों पर आखिर कैसे नकेल कसी जाएगी? अब बात अलवर की करते हैं। जहां एक बेचारे सब्जी का ठेला लगाने वाले को ट्रक में भर कर आये लोगों ने बुरी तरह से पीटा जिसके कारण उसकी मौत हो गयी। एक सब्जी लगाने वाला आखिर कितना कमाता होगा? मुश्किल से गुजर कर रहे परिवार की रोटी भीड़ ने छीन ली और उस परिवार से उसका सहारा छीन लिया। चलिए मान लेते हैं कि कोई अपराध किया भी हो तो क्या चोरी की सजा मौत होगी? और यह भीड़ कैसे तय करती है कि गुनाह किसने किया? पुलिस क्यों हैं?