शिमला:
ऊना जिला के औद्योगिक क्षेत्र बाथू टाहलीवाल में पटाखा फैक्ट्री में 22 फरवरी को हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए चिंता की बात यद्द है कि इतना सारा बारूद इस अवैध फैक्टरी में आया कैसे? यह घटना फैक्टरी मालिक की लापरवाही के कारण हुई, क्योंकि पटाखों के अंदर भरे जाने वाले विस्फोटक के रखरखाव हेतु कोई उपयुक्त प्रबंध नहीं था। सरकार ने इसके बारे में मंडलायुक्त से सात दिनों में जांच रिपोर्ट तलब की है। इसमें जिसकी भी लापरवाही आएगी, सबके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कहा कि जिस तरह से जहरीली शराब के मामले में सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है, वैसे ही इस केस में भी होगा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी संजय कुंडू ने डीआईजी धर्मशाला सुमेदा द्विवेदी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। इस केस में विशेष अन्वेषण दल ने फैक्टरी के मैनेजर दीपक कुमार राणा को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने आरोपियों के दो ठिकानों पर दबिश देकर भारी मात्रा में पटाखे बारूद एवं पैकिंग सामग्री बरामद की है। पुलिस द्वारा एक लैपटाप और एक कार को भी कब्जा में लिया गया है। इसके अलावा तीन टीमें संदिग्धों की सीडीआर लोकेशन के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हेतु बाहरी क्षेत्रों में भेजी गई है, जो उनके ठिकानों पर लगातार रेड कर रही हैं।
हिमाचल क्यों आ रहा माफिया?
नेता प्रतिपक्ष ने इस मसले पर कहा कि इन्वेस्टर मीट के दौरान राज्य सरकार के एक संदेश से माफिया अब उद्योग के क्षेत्र में भी घुस आया है। सरकार ने जब उद्योगों को कह दिया कि पहले इंडस्ट्री लगाओ, परमिशन बाद में लो, उससे ऐसे लोग हिमाचल में घुस आए हैं। मुकेश ने एक और सुझाव भी सरकार को दिया कि जब पुलिस की एसआईटी बनाएं तो उस जिला के एसपी या अन्य पुलिस अफसर को उसमें न रखें, जहां क्राइम हुआ हो।