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जिनपिंग कहां है ?, क्या कोरोना के डर से कैद हुई चीन की सरकार?

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग लापता हो गए हैं। उन्हें पिछले डेढ़ महीने से चीन में किसी ने भी नहीं देखा है। न ही वे किसी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर नजर आए हैं और न ही किसी वीडियो कॉन्प्रâेंसिंग में। न ही शी ने किसी सरकारी बैठक को संबोधित किया है। ऐसे में सवाल है कि आखिर जिनपिंग गए कहां? हैरानी की बात है कि दुनिया में इस समय कोरोना वायरस के अलावा कोल्ड वार का टेंशन हॉट वार में बदलता दिख रहा है। लद्दाख में भारत और चीन की फौजियों के बीच झड़प हो चुकी है। दोनों देशों की सेनाएं वहां आमने-सामने युद्ध के लिए तैयार हैं। साउथ चाइना सी में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और ऑस्ट्रेलिया के युद्धपोत गश्त लगा रहे हैं। युद्धाभ्यास किए जा रहे हैं। और ऐसे में चीन के राष्ट्रपति गायब हैं। ऐसे में शी जिनपिंग को लेकर तरह-तरह की अफवाहें भी सुनने को मिल रही हैं।
शी जिनपिंग के लापता होने का खुलासा चाइनीज मूल के अमेरिकी मीडिया समूह ‘द एपॉक टाइम्स’ ने किया है। इसके इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट जोशुआ फिलिप चीनी मामलों के विशेषज्ञ हैं। इस मीडिया हाउस के आधे से ज्यादा सोर्सेज चाइना में मौजूद हैं। इस मीडिया हाउस के संस्थापक चीनी मूल के जॉन तंग हैं। इस मीडिया समूह से काफी चीनी पत्रकार जुड़े हुए हैं इसलिए इस मीडिया समूह की खबरों पर यकीन किया जा सकता है। और जब यह कह रहा है कि शी जिनपिंग लापता हैं तो जरूर इसके पीछे कोई वजह होगी। जोशुआ फिलिप का कहना है कि पिछले महीने यानी जून की ७ तारीख को आखिरी बार शी जिनपिंग सार्वजनिक तौर पर नजर आए थे। उस वक्त भी उन्होंने वीडियो कॉन्प्रâेंसिंग से एक मीटिंग को संबोधित किया था। उसके बाद जिनपिंग गायब हो गए।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग गुमशुदा हैं। पिछले डेढ़ महीने से उनका कोई पता नहीं है। बीजिंग में कोरोना वायरस पैâलने के बाद से ही जिनपिंग कहीं नजर नहीं आए हैं। चूंकि चीन में तानाशाही है इसलिए बहुत सारी खबर दबा दी जाती हैं। वैसे ही जैसे चीन ने कोरोना से होनेवाली मौतों की संख्या और गलवान में मारे गए चीनी सैनिकों की बातें छिपा ली। शी जिनपिंग के गुमशुदा होने का खुलासा चाइनीज मूल के अमेरिकी मीडिया समूह ‘द एपॉक टाइम्स’ ने किया है। इसके इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट जोशुआ फिलिप चीनी मामलों के विशेषज्ञ हैं। इस मीडिया हाउस के आधे से ज्यादा सोर्सेज चाइना में मौजूद हैं।
जोशुआ बताते हैं कि वुहान में जब कोरोना वायरस का आउट ब्रेक हुआ था तब बीजिंग उससे अछूता था। पर मई के आखिरी महीने में जब बीजिंग में कोरोना के मरीज मिले तो वहां वायरस पैâलने लगा। बीजिंग में वायरस का पैâलना था कि जिनपिंग गायब हो गए। न सिर्फ जिनपिंग गायब हुए बल्कि चीन के नंबर दो नेता वहां के प्रधानमंत्री ली केकिअंग भी लापता हो गए। इसके अलावा अन्य पांच प्रमुख नेता ली झांशू, वांग यांग, वांग हुनिंग, झाओ लेजी और हान झेंग का भी कोई अतापता नहीं है। यही सात नेता मिलकर चीन की सरकार चलाते हैं। दरअसल ये ही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के टॉप ७ लीडर्स हैं। ये वहां की शक्तिशाली स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य हैं। सारे प्रमुख निर्णय यही लेते हैं। एक तरह से यह चीन की वैâबिनेट है। आश्चर्य की बात है कि बीजिंग में कोरोना वायरस के पैâलते ही सातों नेता गायब हो गए। अब ये कहां हैं, किस हाल में हैं, न ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने इसकी कोई रिपोर्टिंग की, न ही किसी अन्य चीनी मीडिया ने। इस समय जो युद्ध जैसे हालात हैं और टेंशन छाया हुआ है तो चीन के विदेश मंत्री वांग यी के ही बयान कभी कभार सामने आते हैं। एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रोजाना बयान आते हैं। वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां तक कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी एक्टिव हैं। लेकिन सारी समस्या की जड़ में जो नेता शी जिनपिंग हैं, उनका कोई अता-पता नहीं है। हालांकि चीन के सरकारी टीवी सीजीटीएन ने कल एक खबर जारी की, जिसमें बताया गया कि शी जिनपिंग ने स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में निर्देश दिए हैं कि चीन में जो बाढ़ आई है उसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। अब इस स्टैंडिंग कमिटी का न कोई फोटो सामने आया और यह बैठक कहां हुई इसका भी पता नहीं है? स्टैंडिंग कमिटी में यही टॉप के सातों लीडर हैं। अब इसकी बैठक कब और कहां हुई इस बारे में दुनिया अनजान है। दरअसल, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी हर चीज को इतनी गोपनीय रखती है कि उसके बारे में बाहरी दुनिया को कोई खबर लग ही नहीं पाती। इसके पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री के ली केकिअंग के बीच मनमुटाव और जुबानी जंग के किस्से बाहर आ चुके हैं। माना जा रहा है कि चीन की टॉप लीडरशिप के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस तरह के तानाशाह वाले देश में कब क्रांति हो जाए कब सत्ता पलट जाए इस बारे में भी निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।
पहले भी हुए थे लापता
शी जिनपिंग अगस्त २०१२ में भी दो हफ्तों के लिए गायब हो गए थे। तब वे उपराष्ट्रपति थे। जिनपिंग की किसी को कोई खबर नहीं थी। पार्टी की तरफ से भी कुछ भी साफ नहीं किया जा रहा था। जिनपिंग की गुमशुदगी के दौरान ये तक कहा जाने लगा था कि उनकी हत्या हो चुकी है या फिर उनका किडनैप हो चुका है। कहा तो ये भी जा रहा था कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। बताया जाता है कि एक बैठक में अचानक लोग एक-दूसरे का विरोध करने लगे। ये बहस देखते-देखते मारपीट में बदल गई। एक-दूसरे पर कुर्सियां और ग्लास फेंकने लगे। माहौल को ज्यादा गरमाता देख, जिनपिंग बाहर निकले और वहीं से गायब हो गए। जिनपिंग के अचानक गायब होने के बाद तमाम तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। किसी का कहना था कि मीटिंग में उन्हें भी कुर्सी से चोट आई, जिससे वे घायल हो गए। वहीं कुछ का कहना था कि उनके विरोधियों ने उनकी हत्या कर दी है। ये मामला काफी गंभीर हो चुका था। उस दौरान जिनपिंग कई अहम बैठकों में शामिल भी नहीं हुए थे। इस दौरान हिलेरी क्लिंटन और सिंगापुर के प्रधानमंत्री के साथ भी मीटिंग स्थगित कर दी गई थी क्योंकि जिनपिंग का कुछ पता नहीं था