भाजपा गठबंधन के साथ मुर्मू को विपक्ष के बागियों का भी बल, विपक्षी एकजुटता के प्रयास हुए ढेर
लखनऊ। भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता के प्रयास राष्ट्रपति चुनाव में ढेर हो गए। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू की बड़ी जीत यदि तय मानी जा रही है तो इसमें उत्तर प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। आदिवासी समुदाय से आने वालीं मूर्मू के विरुद्ध विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को सहारा देने के लिए खड़ी हुई समाजवादी पार्टी खुद अंतर्कलह में बिखर गई।
अखिलेश यादव का हाथ झटककर उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव और गठबंधन सहयोगी ओमप्रकाश राजभर ने राजग प्रत्याशी को समर्थन की घोषणा कर दी। मायावती पहले ही यह निर्णय कर चुकी थीं। ऐसे में द्रौपदी को यूपी से 1,30,264 मत मूल्य की बढ़त का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए सोमवार यानी आज मतदान होना है। यहां उत्तर विधानसभा के सदस्य विधान भवन स्थित तिलक हाल में सुबह दस से शाम शाम 5 बजे तक वोट डालेंगे।
इस चुनाव में राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू की बड़े अंतर से जीत लगभग तय है। परिस्थितियां कुछ ऐसी बनी हैं कि विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा काफी पीछे छूट गए हैं। दरअसल, यूपी के विधायकों का मत मूल्य देश में सर्वाधिक 208 है, जबकि राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों का सभी जगह एक समान 700 ही है। यहां भाजपा के गठबंधन के 273 विधायक हैं, जिनका मत मूल्य 56,784 होता है।
हालिया विधानसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुंह मोड़ते हुए मुर्मू को समर्थन की घोषणा कर दी है। उनके छह विधायकों का मत मूल्य 1248 है। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के रघुराज प्रताप सिंह 416 मत मूल्य (दो विधायक), जबकि बसपा प्रमुख मायावती और सपा के बागी विधायक शिवपाल सिंह यादव एक-एक वोट यानी 416 का मूल्य और जोड़ रहे हैं।