लखनऊ। गांवों की 24 लाख से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की तैयारी है। इसके लिए दो लाख से अधिक नए समूहों का गठन किया जाएगा। सरकार इसी वित्तीय वर्ष में गठित 3.30 लाख समूहों के खाते में 1500 करोड़ रुपये भेजेगी। गांवों में सक्रिय समूहों को आजीविका से जोड़ने के लिए 1300 नए उत्पादक समूहों का भी गठन किया जाना है।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के समक्ष ग्राम्य विकास विभाग के अफसरों ने पिछले दिनों महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रस्तुतीकरण किया गया। अफसरों ने बताया कि ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 2022-23 के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इसके तहत 3.30 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फंड और सामाजिक निवेश फंड (सीआइएफ) के तहत 1500 करोड़ रुपये दिए जाने हैं। हर समूह में महिलाओं की संख्या 10 से 12 तक होती है। वर्ष 2022-23 में दो लाख समूहों को रिवाल्विंग फंड और 1.19 लाख समूहों को सामुदायिक निवेश फंड देने की तैयारी है। इसी तरह से आजीविका मिशन ने इस वर्ष 600 ग्राम संगठनों को कृषि को बढ़ावा देने के लिए उपकरण भी दिए जाने का लक्ष्य तय किया है।
उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक भानुचंद गोस्वामी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में दो लाख नए स्वयं सहायता समूहों के गठन का लक्ष्य बनाया है। इन नए समूहों के गठन से करीब 24 लाख से अधिक महिलाएं जोड़ें जाने की तैयारी है। समूहों से जुड़ने वाली महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया जाएगा। नए समूहों के गठन आदि की कार्ययोजना केंद्र सरकार को भेजी गई है। अनुमोदन मिलते ही उस पर कार्य शुरू किया जाएगा।