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960 बार दिया ड्राइविंग टेस्ट, खर्च किए 11 लाख रुपये, बुढ़ापे में जाकर महिला को मिला लाइसेंस!

SG    Woman Passes Driving on 960th Attempt: हमारे देश में अगर आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का काम लंबा और उबाऊ लगता है, तो आपको एक ऐसी महिला का किस्सा ज़रूर सुनना चाहिए, जिसे एक डीएल बनवाने में 18 साल का वक्त लग गया. ये महिला अपने देश की नहीं है लेकिन इसे 18 साल तक इंतज़ार करना पड़ा और 960 टेस्ट देने पड़े, तब जाकर उसे अपना ड्राइविंग लाइसेंस मिल सका. आप भी सोच रहे होंगे कि भला ऐसा क्यों हुआ होगा?ये मामला दक्षिण कोरिया का है, जहां चा सा सून नाम की महिला राजधानी सियोल से 130 मील की दूरी पर रहती है. इस महिला का धैर्य और उसकी हार न मानने की क्षमता के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. जहां हम किसी काम को 8-10 बार करने के बाद छोड़ देते हैं, वहीं ये महिला हर हफ्ते 5 बार ड्राइविंग टेस्ट लगातार तीन साल तक देती रही. इतना इंतज़ार और मेहनत करने के बाद उसे अपने हाथ में डीएल मिल सका.

2005 में दिया था पहली बार टेस्ट
मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक चा सा सून ने पहली बार साल 2005 के अप्रैल महीने में ड्राइविंग टेस्ट के लिए लिखित परीक्षा दी थी. इसमें फेल होने के बाद उसने 780 बार फिर से परीक्षा दी. हफ्ते में 2 बार उसकी परीक्षा होती रही, जब तक कि वो पास नहीं हो गई. इसके बाद सिलसिला शुरू हुआ प्रैक्टिकल टेस्ट का. इस काम में पास होने के लिए उसे 10 और अटेम्प्ट करने पड़े. यानी कुल 960 बार परीक्षाओं से गुजरने के बाद चा सा सून के हाथ में ड्राइविंग लाइसेंस आ सका. अब उनकी उम्र 69 साल है, जब उन्हें गाड़ी चलाने की सरकारी परमिशन मिली है.

11 लाख रुपये भी हुए खर्च

इतना ही नहीं महिला ने इस पूरे प्रोसेस में £11,000 यानि 11 लाख रुपये से भी ज्यादा खर्च किए, तब जाकर उसे लाइसेंस मिल सका. उसने अपने सब्ज़ी बेचने के बिजनेस के लिए ये लाइसेंस चाहिए था, ताकि वो लॉरी ड्राइव कर सके. उसकी कहानी वायरल होने के बाद दक्षिण कोरियन कंपन ह्युंडई के मैन्युफैक्चरर की ओर से उसे एक नया वाहन भी दिया गया है, जिसकी कीमत लाखों में है. इतना ही नहीं उसे गाड़ी के विज्ञापन में भी दिखाया जाएगा. महिला को लाइसेंस मिलने के बाद सबसे ज्यादा खुशी उसके ड्राइविंग इंस्ट्रक्टर को हुई है.