Tuesday, December 3, 2024

राजनीति

हमें सावरकर नहीं, मोदी की भाजपा के खिलाफ लड़ना है! शरद पवार की राहुल गांधी को संयम की सलाह

SG   मुंबई      मैं सावरकर नहीं, गांधी हूं। मैं माफी नहीं मांगूंगा,’ इस बयान पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संयम बरतने की सलाह दी है। शरद पवार ने स्पष्ट मत व्यक्त करते हुए याद दिलाया कि हमें सावरकर के खिलाफ नहीं, बल्कि मोदी की भाजपा के खिलाफ लड़ना है। इससे विपक्ष का दूर जाना ठीक नहीं है।
बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विरोधी पक्षनेता मल्लिकार्जुन खरगे के निवास स्थान पर सोमवार की रात विपक्षी नेताओं के लिए ‘डिनर’ का आयोजन किया गया था। इस दौरान हुई बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी उपस्थित थे। इस बैठक में शरद पवार ने कहा कि हमारे सामने अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। उस पर हमें चर्चा करनी चाहिए। स्वातंत्र्य वीर सावरकर और आरएसएस के संबंध में नहीं। वे कभी भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य नहीं थे। सावरकर को ‘माफी वीर’ कहना उचित नहीं, ऐसी भूमिका उन्होंने रखी। साथ ही राहुल गांधी के बयान से राज्य में ‘महाविकास आघाड़ी’ को नुकसान हो सकता है और इसका लाभ भाजपा को मिलेगा। यह एहसास दिलाते हुए पवार ने कांग्रेस नेताओं को संयम बरतने की सलाह दी। सोनिया गांधी के समक्ष शरद पवार की सलाह पर मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने सावरकर के मुद्दे पर नरम रुख अपनाते हुए कहा कि हम पवार की राय का सम्मान करते हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे इसे लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता व सांसद संजय राऊत से भी मुलाकात कर चर्चा करेंगे।
संसद और संसद के बाहर हम मोदी की भाजपा के विरोध में लड़ रहे हैं। हमारा प्रमुख लक्ष्य भाजपा को पराजित करना यही होना चाहिए। इस उद्देश्य से विपक्ष का दूर जाना उचित नहीं।
शरद पवार, अध्यक्ष, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

कांग्रेस को सावरकर का मुद्दा उठाने की जरूरत नहीं – संजय राऊत
सावरकर मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा हुई है। राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष से भी बातचीत हुई है। कल खरगे के घर बैठक हुई, जिसमें शरद पवार से लेकर विपक्ष के लगभग सभी नेताओं ने यह भूमिका रखी कि सावरकर का मुद्दा निकालने की जरूरत नहीं। हमें मोदी से लड़ना है कि वीर सावरकर से लड़ना है, ये तय करो। दिक्कत पैदा मत करो, ऐसा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता, सांसद संजय राऊत ने कहा।

अडानी केवल चेहरा है
निवेशक मोदी ही हैं!
केजरीवाल का हल्लाबोल
 नई दिल्ली    उद्योगपति गौतम अडानी यह केवल चेहरा है। निवेशक तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं। मोदी के पैसे को अडानी मैनेज करते हैं। अडानी, मोदी के मैनेजर हैं, ऐसा सीधा आरोप करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल पीएम मोदी पर जबरदस्त हमला बोला। मोदी को पैसे की हवस है। केजरीवाल ने जोरदार हमला करते हुए कहा कि जिस दिन जेपीसी, ईडी, सीबीआई जांच होगी, उस दिन अडानी नहीं बल्कि मोदी डूब जाएंगे।
दिल्ली विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी और अडानी के कैसे संबंध हैं? अडानी को ठेका किसके कारण मिलता है? अडानी निवेश करते हैं लेकिन पैसा किसका है?इन सभी मुद्दों पर टिप्पणी करते समय कई गंभीर आरोप लगाए। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से बातचीत करते समय उसने हमें जो जानकारी दी वह सुनकर मैं हिल गया। केजरीवाल ने कई सनसनीखेज खुलासे किए।
केजरीवाल के खुलासे
 प्रधानमंत्री मोदी ने आज तक किसी के लिए कुछ भी नहीं किया है। मां, भाई और अपने राजनीतिक गुरु के लिए भी कुछ नहीं किया है। मोदी इतने स्वार्थी हैं कि अडानी केवल दोस्त होते तो उन्हें अब तक किनारे कर दिए होते।
 हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्योंकि अडानी केवल प्रâंट हैं, चेहरा हैं, पूरा पैसा मोदी का है। मोदी ही निवेशक हैं। मोदी का पैसा अडानी मैनेज करते हैं। अडानी, मोदी के मैनेजर हैं।
 हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद जेपीसी, ईडी या सीबीआई जांच हुई तो ‘अडानी नहीं, मोदी डूबेंगे’।
 मोदी को पैसों की क्या आवश्यकता है? मैंने ऐसा सवाल उस भाजपा नेता से पूछा तो उसने कहा कि मोदी को पैसों की हवस है, लत है। जिस दिन अडानी विश्व में दूसरे क्रमांक के अमीर व्यक्ति बने, वो अडानी नहीं बल्कि मोदी बने थे। मोदी को दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति बनना है।
 मोदी ने श्रीलंका की पवन ऊर्जा परियोजना का ठेका अडानी को दिलवाया। इसके लिए उन्होंने श्रीलंका के प्रधानमंत्री राजपक्षे पर दबाव डाला। इसकी जानकारी राजपक्षे ने श्रीलंकन संसद में दी है।
 मोदी बांग्लादेश में गए। वहां १५ मेगावाट बिजली परियोजना २५ सालों के लिए अडानी को दे दी।
 मोदी, इजरायल गए। सुरक्षा से संबंधित ठेका अडानी को दे दिया।
सीबीआई, ईडी की धमकी देकर हथियाई जा रही हैं परियोजनाएं
सीबीआई, ईडी की धमकी देकर परियोजनाएं हथियाई जा रही हैं। २०२० में अंबुजा सीमेंट पर छापा मारा गया। २०२२ में अंबुजा सीमेंट परियोजना पर अडानी ने कब्जा कर लिया, ऐसा आरोप केजरीवाल ने लगाया।

३० फीसदी एयरपोर्ट बिजनेस मोदी का है
देश के ६ हवाई अड्डों के निजीकरण का फैसला लिया तब जिस कंपनी को एयरपोर्ट चलाने का अनुभव है उन्हें ही ठेका देने की शर्त रखी गई थी। हालांकि, अंतिम क्षणों में शर्त हटा दी गई और ६ हवाई अड्डों का ठेका अडानी को दे दिया। आज देश के ३० फीसदी एयरपोर्ट बिजनेस अडानी के कब्जे में है, मतलब मोदी का है, ऐसा केजरीवाल ने कहा।