महाराष्ट्र का बजट : ‘गाजर का हलवा!’ … उद्धव ठाकरे ने किया ‘मिंधे’ सरकार पर जमकर हमला
SG
मुंबई
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गरजती तोप की तरह पहला बजट पेश किया। इस बजट में किसानों, महिलाओं, छात्रों, शिक्षा, आंगनवाड़ी सेविकाओं के लिए बड़े-बड़े एलान किए गए। इस बजट के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। यह बजट ‘गाजर का हलवा’ है, ऐसा कहते हुए उन्होंने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
विधिमंडल के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि इससे पहले दो-तीन बजट महाविकास आघाड़ी ने पेश किए थे। कोरोना संकट के साथ-साथ केंद्र सरकार भी अपने साथ नहीं थी। हर समय २५ हजार करोड़ का जीएसटी बकाया रहता था। अब छह महीने हो गए हैं, ‘ईडी’ सरकार एक महाशक्ति के समर्थन से आई है लेकिन हर आदमी देख रहा है कि राज्य का कामकाज वैâसा चल रहा है? बजट में सभी समाज के घटकों की भावनाओं से खेलने की कोशिश की गई है।
बेमौसम बारिश हुई पर मुंबई में बदल चमके लेकिन बारिश नहीं हुई, ऐसा ही इनका बजट है। एक वाक्य में कहें तो इस बजट को ‘गाजर का हलवा’ के रूप में वर्णित किया जाएगा, ऐसी टिप्पणी उद्धव ठाकरे ने की। बजट में हमारी योजनाओं को नामांतर करके पेश किया गया है। बालासाहेब ठाकरे अपना दवाखाना (आपला दवाखाना) यह हमारी योजना है। यह राज्यभर में शुरू की जाएगी, जिसकी घोषणा बजट में की गई है। योजना कब प्रत्यक्ष में आएगी, यह देखेंगे। किसानों को समर्थन मूल्य मिले, इसके संदर्भ में बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है, ऐसा उद्धव ठाकरे ने कहा। विधान परिषद में दीपक केसरकर बजट पढ़ रहे थे। उस दरमियान उन्होंने अनेक बार प्रधानमंत्री का उल्लेख किया। सत्ता आने पर किसानों की आय दोगुनी होगी, ऐसी घोषणा की थी। आठ-नौ वर्ष हुए, उसका पता नहीं चला, यह बजट मतलब ‘गाजर का हलवा’ है, ऐसा पुन: उद्धव ठाकरे ने कहा।
`उपमुख्यमंत्री को आभास हो गया है, सरकार गिर जाएगी’- आदित्य ठाकरे
शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बजट में बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्हें शायद पता है कि अगले एक-दो महीने में सरकार गिर जाएगी और चुनाव की नौबत आ सकती है इसलिए उपमुख्यमंत्री ने इतनी घोषणाएं की होंगी। हमने पर्यटन विभाग से जो फंड दिया था, वह अब तक लटका हुआ है। इस बजट से लोगों को कुछ भी दिखाने की कोशिश की गई है। विधानमंडल और विभिन्न मंचों पर कई घोषणाएं की गई हैं। खाली कुर्सियों के सामने घोषणाएं की गई हैं लेकिन एक भी घोषणा पर अमल नहीं हुआ है। अहम बात यह है कि जिस सरकार में गद्दार बैठे हैं, जिसने अन्न की कसम खाकर गद्दारी की है, पीठ में छुरा घोंपा है, उस सरकार पर कोई भरोसा नहीं करता।
`पंचामृत के नाम पर जनता से धोखा!’—बाला साहेब थोरात
बजट में शब्दों और आंकड़ों का फूल चढ़ाया गया है। अनेक घोषणाएं की गई हैं, जो कभी सत्य नहीं हो सकतीं। आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए ऐसा लगता है कि बजट में वोटों को अपने पक्ष में करने का पूरा प्रयास किया गया है। एक तरफ बेमौसम बारिश और दूसरी तरफ बजट में घोषणाओं की बारिश, इसके कारण महाराष्ट्र की जनता हैरान है। चुनाव में भाषण करने के अनेक मुद्दे बजट में आए हैं। वास्तविकता और सत्यता से परेवाला यह बजट है। कभी पूरी न हो सकनेवाली घोषणाओं की बजट में बारिश की गई है, ऐसी प्रतिक्रिया कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात ने दी। सरकार की मंशा, प्रस्ताव, इच्छाएं, पर्याप्त प्रावधान, आवश्यक धन देने जैसी चीजें बजट का हिस्सा नहीं हो सकती हैं, ऐसा थोरात ने कहा।
`सिर्फ घोषणाओं की बारिश!’—नाना पटोले
वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा पेश किया गया बजट सिर्फ आंकड़ों का खेल है, हकीकत में कुछ भी नहीं। इस बजट में कृषि उपज की गारंटी, बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को राहत देने के अलावा वृद्धावस्था पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट अर्थहीन और जनता को गुमराह करनेवाला है। इस बजट में सिर्फ घोषणाओं की बारिश है, जिससे आम लोगों को कोई फायदा नहीं होनेवाला है। मीडिया से बात करते हुए पटोले ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस द्वारा पेश किया गया बजट फंसाने वाला है, इसमें समाज के किसी वर्ग को कुछ भी ठोस नहीं मिला है। बजट की शुरुआत संत तुकाराम महाराज की वंदना करके हुई लेकिन तुकाराम महाराज का अपमान करने वाले बागेश्वर बाबा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। छत्रपति शिवाजी महाराज का बार-बार जिक्र होता था लेकिन हमारे देवताओं का अपमान करनेवाले तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर भाजपा ने चुप्पी साध ली। शिवराय के स्मारक का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया था लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि स्मारक कब पूरा होगा? पटोले ने कहा कि आगामी मनपा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही मुंबई के विकास के लिए कुछ घोषणाएं की गई हैं।