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तीन आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
मुंबई
ठगी की कोशिश करने के आरोप में शिवाजी पार्क पुलिस ने मुर्दा आरोपी को जिंदा गिरफ्तार किया है। उसके साथ ही दो अन्य साथीदारों को भी गिरफ्तार किया गया है। तीनों आरोपियों ने मिलकर भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) से करोड़ों रुपए ठगने के लिए जिंदा आदमी को मरा हुआ बताया था। इतना ही नहीं, जिंदा आदमी को मरा बताकर दो करोड़ का क्लेम भी कर दिया था लेकिन समय से पहले पुलिस ने उनकी चाल का पर्दाफाश कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी मनोज पाटील ने बताया कि २१ फरवरी को एलआईसी के अधिकारी ओमप्रकाश साहू की शिकायत के आधार पर अज्ञात शख्स के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। गिरफ्तार आरोपियों में से एक ने २१ अप्रैल, २०१५ को एलआईसी की २ करोड़ रुपए की पॉलिसी खरीदी थी। इसके बाद करीब एक साल तक आरोपी ने प्रीमियम समय पर भरा। १४ मार्च, २०१७ को दूसरे आरोपियों ने एलआईसी में इंश्योरेंस के लिए क्लेम किया। क्लेम में बताया कि २५ दिसंबर, २०१६ को पुणे के बेलवांडी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक सड़क दुर्घटना में पॉलिसी धारक दिनेश की मौत हो गई है। इस आवेदन के बाद एलआईसी की तरफ से जांच शुरू की गई। लगभग छह साल की जांच के बाद एलआईसी को जानकारी मिली कि दिनेश की मौत नहीं हुई, वह अभी भी जिंदा है। इतना ही नहीं, २०१६ में बेलवंडी पुलिस स्टेशन जाकर उसकी पहचान करनेवाले माता-पिता भी उसके असली अभिभावक नहीं हैं।
दस्तावेज भी थे फर्जी
जांच में एलआईसी को यह भी पता चला कि पॉलिसी खरीदने के लिए दिनेश ने जो दस्तावेज दिए थे, वो भी फर्जी थे। आरोपी दिनेश ने पॉलिसी खरीदते समय बताया था कि वह खेती करता है। खेती से उसे साल में तकरीबन ३५ लाख रुपए की कमाई होती है साथ ही वह मेस भी चलाता है, जिससे उसे साल में ७-८ लाख की कमाई हो जाती है। डीसीपी पाटील ने बताया कि दिनेश की असली मां ने एलआईसी को जानकारी दी कि उसका बेटा जिंदा है। साथ ही यह भी बताया कि दिनेश के पिता की २०१२ में मौत हो गई थी। पुलिस अब जांच कर रही है कि इन आरोपियों को वैâसे पता चला कि एक शख्स की एक्सीडेंट में मौत हुई है? इसके साथ ही पुलिस उन नकली मां-पिता की भी तलाश कर रही है, जिन्होंने आरोपी की पहचान की थी। फिलहाल, तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।