राष्ट्रीय

बहुत जल्दी मिलन होगा शराब घोटाले के आरोपियों का तिहाड़ जेल में केजरीवाल से

 

जब से केजरीवाल सरकार का शराब घोटाला खुला और ED / CBI की जहां भी रेड हुई, केजरीवाल और उसके साथी एक ही गाना गाते रहे, किसी के यहां कुछ नहीं मिला, सब फर्जी केस बनाए जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ED से पूछ लिया था कि आपको यदि सिसोदिया के पास से कोई रकम बरामद नहीं हुई तो Money Laundering का केस कैसे बनता है?

सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल पर केजरीवाल उछल पड़ा था और बोला था कि जज पूछते रहे पैसा कहां मिला, किसी के पास कोई जवाब नहीं था जी, फिर भी सबको झूठे मुकदमों में फंसा रखा है।  लेकिन उसी सुनवाई में जस्टिस खन्ना ने ED को यह भी पूछा था कि सरकार ने “आप” को आरोपी क्यों नहीं बनाया।

सुप्रीम कोर्ट का सिसोदिया के घर से पैसा न मिलने का सवाल सुनकर केजरीवाल के दिमाग में फितूर पक्का हो गया था कि अब सारा केस ही ख़त्म हो जाएगा क्योंकि किसी के घर से तो पैसा मिलेगा ही नहीं।

लेकिन घर से पैसा न मिलना ही सब कुछ ख़त्म नहीं करता। सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत अर्जी ख़ारिज करते हुए कहा है।

“Legal questions have been answered in a limited way. In the analysis, there are certain aspects, which we said are doubtful. But one aspect, with regard to transfer of money, Rs 338 crores, is tentatively established. We have therefore dismissed the application for bail,”

सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे को fast track court में चला कर 6 से 8 महीने में पूरा करने के लिए कहा और यह भी कहा कि यदि 3 महीने में कोई विशेष प्रगति न हो तो सिसोदिया फिर से जमानत याचिका दाखिल कर सकते हैं।

इस 338 करोड़ के लेनदेन ने केजरीवाल को चारों खाने चित कर दिया है, अब वह ये नहीं कह सकता कि पैसा मेरे घर में नहीं है या सिसोदिया और जैन या संजय सिंह के घर में नहीं है क्योंकि अदालत ने आगे और साफ़ शब्दों में कहा है कि “रूपए और धन के लेनदेन की कड़ियां साफ़ हैं” (यानी money trail साबित होती है)

उसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने तो सिसोदिया की जमानत अर्जी ख़ारिज करते हुए और सख्त लहजे में कहा था कि – “उनके खिलाफ आरोप काफी गंभीर हैं, मनीष का इस मामले में व्यवहार भी सही नहीं रहा है और वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, इसके पास 18 विभाग रहे हैं, पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं, इसलिए उनको अभी जमानत नहीं दी सकती है”।

अब सिसोदिया के अलावा सत्येंद्र जैन बीमारी की वजह से 11 जुलाई से अंतरिम जमानत पर चल रहा है और 18 अक्टूबर को ये जमानत सुप्रीम कोर्ट ने 6 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी थी। अब समय आ गया है, उसकी अंतरिम जमानत भी रद्द कर उसे वापस जेल भेजा जाए, संजय सिंह की न्यायिक हिरासत 10 नवंबर तक है लेकिन  सिसोदिया की जमानत ख़ारिज होते देख कर लगता है, उसकी भी जमानत नही अर्जी स्वीकार नहीं होगी।

ED ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि सरकार “आप” पार्टी को शराब घोटाले में आरोपी बनाने पर विचार कर रही है।  यह काम जल्दी ही होगा क्योंकि घोटाले का बचा खुचा पैसा 3 राज्यों के चुनावों में पेल सकती है “आप’।  एक बार पार्टी आरोपी बनी तो पार्टी संयोजक का नाम तो आपको पता ही है, वह कैसे बचेगा, उसका मिलन शीघ्र होगा सिसोदिया से तिहाड़ में।