राष्ट्रीय

क्रिप्टो की काली कमाई से खरीदे प्लाट; पेट्रोल पंप-होटल भी बना डाले, आरोपियों ने रिश्तेदारों के नाम की संपत्तियां

 

लोगों को कंगाल कर पेट्रोल पंप-होटल भी बना डाले, आरोपियों ने रिश्तेदारों के नाम की संपत्तियां

मंडी

क्रिप्टो करंसी के जरिए चंद महींनों में पैसे डबल करने के नाम पर लूटे गए लोगों के साथ बड़ा खेल हुआ है। अपने पैसे डबल कराने के चक्कर में हजारों लोग कंगाल हो गए और उन्हें जेब से लोगों के पैसे भरने पड़े। जबकि इस सारी जालसाझी को अंजाम देने वाले आरोपियों ने करोड़ों की संपत्तियां बनाई है। लाखों रुपए की महंगी गाडिय़ां, मकान, शहरों में महंगे प्लाट, पेट्रोल पंप, ईंट के भट्ठे, होटल और यहां तक टै्रवल एजेंसियों के नाम पर भी संपत्तियां अपने रिश्तेदारों तक के नाम से आरोपियों ने बनाई है। मंडी के पकड़े गए दो लोगों ने भी बेशकीमती गाडिय़ों में खूब सैर की है। हमीरपुर के आरोपी प्रवीण ने तो अपने घर पर पैसे गिनने के लिए करंसी काउंटिंग मशीन तक रखी हुई थी। हर रोज लाखों रुपए इसके पास ही जमा होते थे। गुजरात में पकड़े गए मंडी जिला के दो लोग अब एसआईटी के हत्थे चढ़ चुके है और उनसे पूछताछ के बाद कई बड़े खुलासे होने शेष है। हिमाचल प्रदेश में यह फ्रॉड 400 करोड़ से अधिक बताया जा रहा है, जिन दो लोगों को फिलहाल पकड़ा गया है, उनके पास बेशकीमती गाडिय़ां और संपत्ति है।

मंडी, कुल्लू, बिलासपुर, हमीरपुर और ऊना के लोगों इन जालसाझों ने तीन दिसंबर, 2022 को दिल्ली के शरहदा भी बुलाया था। यहां पर एक होटल में सबके साथ बैठक भी की और पैसे लौटाने के लिए मई 2023 का समय भी मांगा था। इस मीटिंग में सारे मामले का मास्टर माइंड सुभाष, हेमराज, सुखदेव, अविषेक, सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट मिलिन गर्ग, राम कुमार, प्रवीण, नीरज, अमित और विजय रैना सहित अन्य सभी बड़े चेहरे इस बैठक में शामिल हुए थे। इन सभी लोगों ने अपने नीचे की सारी टीम के मुख्य लोगों को दिल्ली बुलाया था। जिनका परिचय उस बैठक में सुभाष और बड़े चेहरों से भी करवाया गया, लेकिन इसके बैठक फिर किसी को इन बड़े चेहरों के दर्शन नहीं हुए। बैठक में सुभाष व अन्य लोगों ने यह भी बताया था कि उन्होंने कई बड़े बिजनेश में पैसे इंवेस्ट किए है। वहां से पैसे मिलते ही सबके पैसे लौटा दिए जाएंगे। -एचडीएम

दो करोड़ की ठगी का खुलासा

मंगलवार को साइबर क्राइम थाने में बड़ी संख्या में क्रिप्टो करंसी फ्रॉड के लोग पहुंचे है। इनमें लोकेंद्र और उसके गु्रप के ही दो करोड़ से अधिक के पैसे डूबे है। इसी तरह से कुल्लू की एक महिला ने 75 लाख से अधिक की जालसाझी की जानकारी पुलिस को दी है। अब तक जिला में 58 मामले सामने आ चुकी हैं।

मंडी का सुभाष सारे प्रकरण का मास्टर माइंड

इस सारे प्रकरण का मास्टर माइंड मंडी का सुभाष बताया जा रहा है। अपने पैसे लुटाने वाले लोगों का कहना है कि सुभाष कई महीने पहले दुबई फरार हो चुका है। सुभाष मंडी जिला के थुनाग क्षेत्र का है, लेकिन वह काफी दिनों तक मंडी शहर के भगवान मोहल्ला में भी रहा है, जबकि हिरासत में लिया गया हेमराज निवासी कैहनवाल डाकघर टिल्ली का रहने वाला है। इसी तरह से सुखदेव धर्मपुर का निवासी है। यह सभी लोग एक मल्टी लेबर मार्केटिंग कंपनी के जरिये संपर्क में आए थे। इसके बाद विदेश में क्रिप्टो करंसी के बारे बाकायदा पूरी जानकारी लेने के बाद इन लोगों ने मिल कर इस सारे फ्राड को तेयार किया।

ठगों की संपत्ति की जांच करेगी एसआईटी

मास्टर माइंड की गिरफ्तारी के बाद लोगों को धमका रहे आरोपी, पुलिस की एसआईटी टीम कर रही 50 शिकायतों की जांच

अमन वर्मा-शिमला

हिमाचल पुलिस की एसआईटी क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में शामिल आरोपियों की संपत्ती की भी जांच करेगी। एसआईटी की कार्रवाई के बाद प्रदेश में लोगों से करोड़ों रुपए ठगने वाले क्रिप्टो करंसी ठगों से जुड़े लोगों में हडक़ंप मच गया है। क्रिप्टो करंसी ठगी मामले के दो मास्टर माइंड आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद क्रिप्टो करंसी ठगी मामले के अन्य आरोपियों का लोगों को धमकाने का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते रविवार को एसआईटी ने गुजरात के गिर सोमनाथ में हिमाचल के दो मास्टर माइंड लोगों को गिरफ्तार किया था। हालांकि डीजीपी संजय कुंडू ने एसआईटी को राज्य में क्रिप्टो करंसी को लेकर बड़ी साजिश की जांच करने का निर्देश दिया है। एसआईटी को क्रिप्टो करंसी से जुड़े मामलों की वित्तीय जांच समेत पेशेवर और निष्पक्ष जांच करने का भी निर्देश दिया है। -एचडीएम

आरोपी हिमाचल के रहने वाले

पुलिस स्टेशन पालमपुर, जिला कांगड़ा में दर्ज मामले की एफआईआर की जांच के दौरान, क्रिप्टो मुद्रा निवेश से जुड़ी जटिल वित्तीय धोखाधड़ी योजनाओं का खुलासा हुआ है। क्रिप्टो करंसी के नाम लोगों से हुई करोड़ों की ठगी मामले में मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा, सुखदेव ठाकुर, हेमराज ठाकुर और अन्य जो हिमाचल प्रदेश के निवासी है।

तीन साल तक ठगी का खेल

एसआईटी ने आरोपियों के खिलाफ 420 आईपीसी और 120बी के तहत मामला दर्ज किया है। एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ है कि धोखाधड़ी की योजना वर्ष 2018-19 में शुरू हुई और लगभग तीन वर्षों तक जारी रही। ऐसे दस मामले एसआईटी ने उठाए है। 50 से अधिक शिकायतों की जांच चल रही है।

जल्द गिरफ्त में होंगे शातिर

डीजीपी संजय कुंडू का कहना है कि पुलिस प्रदेश में क्रिप्टो करंसी घोटालों के सरगनाओं का पता लगा रही है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। डीजीपी ने कहा कि आरोपियों की संपत्तियों का भी पता लगा रही है।