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जनपद मुज़फ्फरनगर से सत्ताधारी सरकार के तीन मंत्री तीन विधायक,लेकिन जनपद की इस सबसे गंभीर बीमारी का नहीं करा पाए इलाज,जनपद की 90 प्रतिशत जनता है दुखी

 

मुज़फ्फरनगर/उत्तर प्रदेश –जनपद मुज़फ्फरनगर में अवैध अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है जनपद के हालत इतने ख़राब हो चुके है की आपातकालीन सेवाओ को भी समय पर पहुचने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है,जनपद की अधिकतर सडको पर कही ठेले वालो का कब्ज़ा है तो कही E Rickshaw ने जनपद को चोक कर दिया है,लेकिन बीमारी यही तक नहीं फैली है बाजारों के अन्दर की बात की जाये तो यहाँ बीमारी का रूप दूसरा है यहा दुकानदारो ने सार्वजनिक रास्तो पर अपनी दुकान सजा ली है ज्यादातर दुकानदारो ने अपनी दुकान को 4 से 6 फीट तक सड़क पर बढ़ा लिया है बीमारी बस एक है पडोसी की दुकान न दिखाई दे सारे ग्राहक मेरे पास आ जाये, इस्थिति इतनी ख़राब हो चुकी है बच्चो को स्कूल से घर जाने  के लिए घटो लग रहे है,किसी को दुकान से घर जाना हो तो एक लड़ाई लड़ने जैसा मन बना के निकलना पड़ता है पुलिस को भी कही मदद के लिए जाना में भी मसक्कत करनी पड़ रही है,हालत इतने ख़राब होने के बावजूद भी  जनप्रतिनिधि इस मामले को चिमटे से भी नहीं छूना चाहते है किसी को अपने वोटबैंक का फिक्र है तो किसी को जाती विशेष का,जनपद के रूडकी रोड भगत सिंह रोड दाल मंडी आलू मंडी रोड के हालत तो इतने बदतर है पैदल निकलना भी दुसवार हो गया है

इन कारणों से चोक हुआ मुज़फ्फरनगर

एक और जहा रातदिन ट्रेफिक पुलिस यातायात की व्यवस्था बनाने में रात दिन जद्दोजहद कर रही है वही दूसरी और दलाल छेत्रीय पुलिस से साठगाठ  कर सडको पर ठेले लगवा रहे है इसी खेल में सत्ताधारी पार्टी से जुड़े लोग भी पीछे नहीं है कही पुलिस पर रोब ग़ालिब कर अपना उल्लू सीधा कर रहे है तो कही अपने खुद के कारोबार सड़क पर फैला कर बैठ गए है

दुकानदार जब तक स्वम सडको से अपना सामान नहीं हटायेंगे अतिक्रमण जैसी गंभीर बीमारी का खत्म होना नामुन्किन है

 

 

राजनीतिक हस्तक्षेप  अतिक्रमण हटाने में बड़ी बाधा- अतिक्रमण हटाने में राजनीतिक हस्तक्षेप भी एक बड़ी बाधा है जनपद में कई बार प्रशासन द्वारा  इस बीमारी को जड़ से उखाड़ने के लिए पहल की गई लेकिन जनप्रतिनिधियो के हस्तक्षेप के चलते या तो प्रशासन को या तो पीछे हटना पड़ा या जनपद छोड़ना पड़ा

 

 

E Rickshaw के लिए निर्धारित रूठ बनाये जाये– जब तक Rickshaw के लिए रूठ निर्धारित नहीं होंगे और उन्हें सख्ती से लागु नहीं किया जायेगा तब तक यह जनपद अतिक्रमण मुक्त नहीं हो सकता